ध्यानमोती

जिसको दुर्लभता का भान होता है वह प्रमादी नहीं होता, जिसको सरलता से कोई दुर्लभ वस्तु मिल जाती है वह उसका मूल्यांकन ठीक से नहीं कर पाता, अन्यथा, इस त्याग मार्ग की एक-एक घड़ी कितनी अनमोल है यह मरण निकट आने पर समझ में आता है।
error: Content is protected !!